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Quote on Indian Poet

 

Quote on Indian Poet

 

हम सबका यह वतन है l (कविता)

  हम सबका यह वतन है l  (कविता)  गाँधी का यह  वतन है नेहरू का यह वतन है जो प्यार ही सिखायें आज़ाद का वतन है अशफाक का वतन है बिस्मिल का यह वतन है  हिंदू का यह वतन है मुस्लिम यह वतन है यह सिख का वतन है क्रिसचियन का यह वतन है भारत के रहने वालों हम सब का यह वतन है दुनिया के ऐ सितंगर यह प्यार का चमन है जो प्यार ही सिखायें आज़ाद का वतन है अशफाक का वतन है बिस्मिल का यह वतन है  भारत के रहने वालों हम सब का यह वतन है गाँधी का यह वतन है नेहरू का यह वतन है जो प्यार ही सिखायें आज़ाद का वतन है l फूलों का एक चमन है गुलज़ार का चमन है मिल-जुल कर तुम रहो सब हम सबका यह वतन है l

मैं तुम्हारा हूँ l (ग़ज़ल)

 ग़ज़ल मुझको याद तुम रखना कि मैं तुम्हारा हूँ फिर तुम लौट के आना  कि मैं तुम्हारा हूँ मैंने एक शमां जलाई है फिर मोहब्बत की मुझको भूल न जाना  कि मैं तुम्हारा हूँ l मैंने हर लम्हा हर दुआ में  तुम्हें मांगा है मैंने सिर्फ तुमको ही तो रब से अपने मांगा है मेरी चाहत का अब तुम और इंतेहान न लो मेरी बात को समझो अब मेरी जान न लो मैंने एक दुनिया बसाई है तेरी चाहत की मैंने हर राह सज़ाई है  तेरी चाहत की मुझको याद तुम रखना कि मैं तुम्हारा हूँ मुझको भूल न जाना  कि मैं तुम्हारा हूँ फिर तुम लौट के आना  कि मैं तुम्हरा हूँ मुझको याद तुम रखना कि मैं तुम्हारा हूँ मैंने एक शमां जलाई है फिर मोहब्बत की मुझको भूल न जाना  कि मैं तुम्हारा हूँ l

मेरा भारत (कविता)

 मेरा भारत (कविता)  प्यारे बच्चों सुनो तुम्हें एक बात बताने आया हूँ मैं भूली बिसरी बातों का एक राज बताने आया हूँ मैं भारत के वीरों का  इतिहास बताने आया हूं l आज़ादी की कीमत को तुमको समझाने आया हूँ मैं भारत के वीरों का  इतिहास बताने आया हूं l जब जुल्म हदों से बढ़ता है मनमानी करने लगता है मानवता की भी बात भूलकर शोषण करने लगता है जब जलियां वाला बाग देख कर बच्चा - बच्चा रोता है और अंग्रेजों का जुल्म देख कर  बापू भी रो देता है जब राजनीति में लालच और बेईमानी बढ़ने लगती है और जाति, धर्म और रिश्तों पर राजनीति होने लगती है तब अशफाक पैदा होते हैं  तब बिस्मिल पैदा होते हैं तब भगत सिंह भी आते हैं और सुभाष चंद्र बोस भी आते हैं फिर चंद्रशेखर आज़ाद भी आते हैं फिर मौलाना आज़ाद भी आते हैं फिर गाँधी, नेहरू आते हैं अंग्रेजों का जुल्म मिटाने को सारे के सारे आते हैं हिंदू ,मुस्लिम, सिख सभी सारे के सारे आते हैं अंग्रेज फिर काँप उठे थे आज़ादी के दीवानों से पूरा भारत गूँज उठता था इंक़लाब के नारों से भारत की फिर देख एकता माउंटबेटन भी काँपा था आज़ादी की ज्वाला को फिर अंग्रेजों ने भाँपा था सत्ता को फिर सौंप दिया

ग़ज़ल

 ग़ज़ल मिले तुमसे बिछुड़ कर हम इस  तरह, तेरे इश्क़ का ये शुरूर है वो बात भी कुछ और थी  ये बात भी कुछ और है जो तू नहीं तो कुछ नहीं तेरे इश्क़ का ये शुरूर है वो बात भी कुछ और थी  ये बात भी कुछ और है तेरा इश्क़ मेरा नसीब है तेरा अक़्स है मेरा आईना मेरी हर नज़र में सिर्फ तुम तेरे इश्क़ का ये शुरूर है वो बात भी कुछ और थी  ये बात भी कुछ और है तेरा हर क़दम है निगाह में मैं हूँ इस क़दर तेरी चाह में ये इश्क़ नहीं तो और क्या तेरे प्यार का ये शुरूर है वो बात भी कुछ और थी  ये बात भी कुछ और है मिले तुमसे बिछुड़ कर हम इस  तरह, तेरे इश्क़ का ये शुरूर है वो बात भी कुछ और थी  ये बात भी कुछ और है l

उर्दू शेर