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मैं तुम्हारा हूँ l (ग़ज़ल)

 ग़ज़ल

मुझको याद तुम रखना

कि मैं तुम्हारा हूँ

फिर तुम लौट के आना 

कि मैं तुम्हारा हूँ

मैंने एक शमां जलाई है

फिर मोहब्बत की

मुझको भूल न जाना 

कि मैं तुम्हारा हूँ l

मैंने हर लम्हा हर दुआ में 

तुम्हें मांगा है

मैंने सिर्फ तुमको ही तो

रब से अपने मांगा है

मेरी चाहत का अब तुम

और इंतेहान न लो

मेरी बात को समझो

अब मेरी जान न लो

मैंने एक दुनिया बसाई है

तेरी चाहत की

मैंने हर राह सज़ाई है 

तेरी चाहत की

मुझको याद तुम रखना

कि मैं तुम्हारा हूँ

मुझको भूल न जाना 

कि मैं तुम्हारा हूँ

फिर तुम लौट के आना 

कि मैं तुम्हरा हूँ

मुझको याद तुम रखना

कि मैं तुम्हारा हूँ

मैंने एक शमां जलाई है

फिर मोहब्बत की

मुझको भूल न जाना 

कि मैं तुम्हारा हूँ l


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