Skip to main content

ढूँढोगे मुझे तुम गूगल पर l (कविता)

 ढूँढोगे मुझे तुम गूगल पर l

(कविता) 

ढूँढोगे मुझे तुम गूगल पर

एक दिन वो जमाना देखोगे

महसूस करोगे जब मुझको

चाहत का जहाँ फिर देखोगे l


जब प्यार की बदली छायेगी

अहसास दिलों पर बरसेगा

फिर रंग हमारी चाहत का

घनघोर घटा बन बरसेगा


तुम प्यार में जब खो जाओगे

फिर लौट के तुम आ जाओगे

अहसास हमारी बातों का

तुम दुनिया को बतलाओगे


जब बात "असद" की गूंजेगी

अहसास दिलों पर छायेगा

नफरत की लकीरें टूटेंगी

फिर प्यार दिलों में बरसेगा


ढूँढोगे मुझे तुम गूगल पर

एक दिन वो जमाना देखोगे

महसूस करोगे जब मुझको

चाहत का जहाँ फिर देखोगे l





Comments

Popular posts from this blog

India is Great (Poem) Part -1

 

Watan Ke Shaheed (Poem)

 

सच बोल रहा हूँ l (कविता)