एक बात बताने आया हूँ
मैं भूली बिसरी बातों का
एक राज बताने आया हूँ
मैं भारत के वीरों का
इतिहास बताने आया हूं l
आज़ादी की कीमत को
तुमको समझाने आया हूँ
इतिहास बताने आया हूं
जब जुल्म हदों से बढ़ता है
मनमानी करने लगता है
मानवता की भी बात भूलकर
शोषण करने लगता है
जब जलियां वाला बाग देख कर
बच्चा - बच्चा रोता है
और अंग्रेजों का जुल्म देख कर
बापू भी रो देता है
जब राजनीति में लालच और
बेईमानी बढ़ने लगती है
और जाति, धर्म और रिश्तों
पर राजनीति होने लगती है
तब अशफाक पैदा होते हैं
तब बिस्मिल पैदा होते हैं
तब भगत सिंह भी आते हैं
फिर चंद्रशेखर आज़ाद भी आते हैं
फिर मौलाना आज़ाद भी आते हैं
फिर गाँधी, नेहरू आते हैं
अंग्रेजों का जुल्म मिटाने को सारे के सारे आते हैं
हिंदू ,मुस्लिम, सिख सभी सारे के सारे आते हैं
अंग्रेज फिर काँप उठे थे आज़ादी के दीवानों से
पूरा भारत गूँज उठता था इंक़लाब के नारों से
भारत की फिर देख एकता माउंटबेटन भी काँपा था
आज़ादी की ज्वाला को फिर अंग्रेजों ने भाँपा था
सत्ता को फिर सौंप दिया था गाँधी जी के हाथों में
भारत फिर आज़ाद हो गया अंग्रेजों के हाथों से l
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