लिखता हूँ मैं ग़ज़ल को बस याद में तुम्हारी
है आँसुओं मे डूबी एक दास्ताँ हमारी
तुम आईना हो मेरा मैं अक्स हूँ तुम्हारा
हर सांस मे हो शामिल मै राजदॉं तुम्हारा
मेरे दिल में अब है बसती तस्वीर सिर्फ तुम्हारी
हर सांस में हो शामिल ऐ दिलरुबा हमारी
तेरे खत की हर इबारत कहती है ये कहानी
है आँसुंओं में डूबी एक दास्ताँ हमारी
ये इश्क़ और मोहब्बत बेकार की है चीजें
अगर जानती ये दुनिया फिर इश्क़ ही न करती
सुनकर मेरी गज़ल को तुम याद मुझको रखना
गुमनाम हूँ मगर मै पहचानती है दुनिया
हर बात में हमारी एक दर्द सा छिपा है
पढ़ कर मेरी ग़ज़ल को अब जानती है दुनिया
ये इश्क़ की कहानी है "असद" की ज़ुबानी
जो इस को अब पढ़ेगा कभी प्यार न करेगा।
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