Skip to main content

Posts

मैं तुम्हारा हूँ l (ग़ज़ल)

  मैं तुम्हारा हूँ l ( ग़ज़ल) मुझको याद तुम रखना कि मैं तुम्हारा हूँ फिर तुम लौट के आना कि मैं तुम्हारा हूँ मैंने एक शमां जलाई है फिर मोहब्बत की मुझको भूल न जाना कि मैं तुम्हारा हूँ   मैंने हर लम्हा हर दुआ में तुम्हें मांगा है मैंने सिर्फ तुमको ही तो रब से अपने मांगा है मेरी चाहत का अब तुम और इंतेहान न लो मेरी बात को समझो अब मेरी जान न लो   मैंने एक दुनिया बसाई है तेरी चाहत की मैंने हर राह सज़ाई है तेरी चाहत की फिर तुम लौट के आना कि मैं तुम्हारा हूँ मुझको भूल न जाना कि मैं तुम्हारा हूँ मुझको याद तुम रखना कि मैं तुम्हारा हूँ फिर तुम लौट के आना कि मैं तुम्हरा हूँ मैंने एक शमां जलाई है फिर मोहब्बत की मुझको भूल न जाना कि मैं तुम्हारा हूँ l

मन में तुम्हारे प्यार अब मैं घोल रहा हूँ l ग़ज़ल

    मन में तुम्हारे प्यार अब मैं घोल रहा हूँ l               ग़ज़ल   दिल से दिल के तार अब मैं जोड़ रहा हूँ मन के तुम्हारे द्वार अब मैं खोल रहा हूँ अँखियों से दिल की बात अब मैं बोल रहा हूँ मन में तुम्हारे प्यार अब मैं घोल रहा हूँ दिल से दिल का तार अब मैं जोड़ रहा हूँ मन के तुम्हारे द्वार अब मैं खोल रहा हूँ मन में तुम्हारे प्यार अब मैं घोल रहा हूँ l दिल से दिल के तार अब मैं जोड़ रहा हूँ मन के तुम्हारे द्वार अब मैं खोल रहा हूँ तुम आज रुको दिल की मेरी बात तो सुनो दिल के तुम्हारे तार अब मैं छेड़ रहा हूँ अँखियों से दिल की बात अब मैं बोल रहा हूँ मन में तुम्हारे प्यार अब मैं घोल रहा हूँ l छाई है सावन की घटा साथ तुम चलो रिमझिम सी है बरसात मेरे साथ तुम चलो छाई मेरे दिल पर खुशी साथ तुम चलो अँखियों से करो बात मगर साथ तुम चलो मन के तुम्हारे द्वार अब मैं खोल रहा हूँ दिल से दिल के तार अब मैं जो